मोदी जी की “वंदे भारत रेल” से एक भैंस टकराई और इंजन ही फट गया। जबकि मोदी जी ने इस ट्रैन का ढिंढोरा सेफ्टी, स्पीड और सर्विस के नाम पर पीटा था। ना तो स्पीड में ये बाकी ट्रेंस से बेहतर निकली ना ही सेफ्टी में। हर ट्रेन को शुरू करने से पहले कई प्रकार की सेफ्टी टेस्टिंग होती है। BS6 आने के बाद तो कारों की भी सेफ्टी टेस्टिंग होती है.. क्या सरकार ने इसे बिना टेस्टिंग के ही मंजूरी दे दी थी ?
भारत में पुरानी ट्रेंस में इंजन के आगे एक लोहे का जाल लगा होता है जिसके ऊपर दो लोहे के पुशर भी लगे होते हैं। ताकि यात्रा के दौरान यदि कहीं कोई जानवर, या वाहन रेलगाड़ी के सामने आ जाए तो इंजन को क्षति न पहुंचे और ये पुशर उसे धकेल दें। लेकिन वंदे भारत ट्रेन के साथ ऐसा नही है। बंदे भारत का इंजन भी पुरानी ट्रेन से कमजोर दिखाई देता है।
ऐसे में सवाल ये उठता है की भैंस की बजाय कोई बालू से भरा ट्रक सामने आ जाता तो क्या रेलगाड़ी पलटने जैसी बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी ? इतनी बड़ी सुरक्षा चूक के लिए कौन जिम्मेदार है ? #कालचक्र