राजनीती में लोगों को शहीद नहीं किया जाता. आडवाणी जी को देखिये.

एटा वाले सपाई जोगिन्दर बाबू की पहले दुकाने तोड़ी गयी फिर केस हुए और जेल गए. उन्होंने 2014 में एक जमीन खरीदी थी, उस आदमी से FIR करवा दी गयी, लेकिन एक पेंच था की सरकारी आदमी के सामने पैसा देके अंगूठा लगवा के बैनामा कराया था तो उस आदमी के द्वारा सरकारी आदमी को भी FIR में घसीट लिया गया. कोई उस आदमी से ले देकर मुकदमा वापस न करवा ले तो उसे 2 ऑटोमेटिक राइफल वाले बॉडी गार्ड दिए गए हैं.
मैनपुरी के विधायक राजू यादव पर चुनाव के समय हमला हुआ था. उसमें FIR हुयी एक लड़का जेल चला गया है शायद 307 लगी है और खुद राजू को कोर्ट ने भगोड़ा करार दे दिया है. फरार हैं फ़िलहाल. बनारस में करीब 450 सपाई लड़को पे FIR हुयी थी क्योंकि अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद उन्होंने EVM की रखवाली के चलते ADM और अन्य सरकारी अधिकारीयों की गाड़ियां भी रोकी थी. ऐसी ही FIR बलिया, रामपुर, मैनपुरी इत्यादि में हुयी थी.
लेकिन 2014 से आज तक CBI ने अखिलेश यादव को कोर्ट कचहरी में नहीं घसीटा. एक नाम की जाँच हुयी जिसमे क्लीन चिट भी दे दी. और पिछले 5 साल से शिवपाल यादव पर तो हाथ ही नहीं डाला. इस घटना के बाद भाजपाई अगले 5 साल फिर हाथ नहीं डालेंगे. लोगों के घरों पर बुलडोजर चल रहे हैं और मुख्य विपक्षी को बंगले मिल रहे.
सपा में लड़ाई सिर्फ कार्यकर्त्ता लड़ता है, पहले नेता जी मुलायम सिंह कार्यकर्त्ता के साथ “जेल भरो आंदोलन” करते थे अब ऐसा होता है क्या ? #कालचक्र
लगता है सेटलमेंट किये हुए है कि हमको छोड़ो बाक़ी जिसका जो करना है जैसे चलना है चलो हम नहीं बोलेंगे देश बेचना है बेंचों बर्बाद करना है करो हम चुप रहेंगे बस चुनाव तुम भी लड़ना हम भी लड़ेंगे उसके बाद कभी आड़े नहीं आयेंगे तुम्हारे
ओर हाँ अगर किसी को बलि का बकरा बनाने की ज़रूरत पड़े तो तब भी मुझे ओर मेरे परिवार को छोड़ देना बदले में आज़म ओर उसका परिवार मिल जायेगा॥