अगर मेरी जानकारी सही है तो रेलवे का यह नियम था कि अगर किसी बच्चे की उम्र 1 वर्ष से लेकर 4 वर्ष तक है तब उस बच्चे का ट्रेन टिकट लेने की आवश्यकता नहीं होती है। वह बच्चा अपने माता -पिता के साथ फ्री में यात्रा कर सकता है।…..
दुसरा शायद यह नियम भी था कि यदि आपने अपने अपने 5 से 12 साल तक की उम्र के बच्चों की टिकट पहले से बुक नही करवाई है तो किसी भी श्रेणी के आरक्षित टिकट के साथ 5 से 12 साल तक की उम्र के बच्चे का हाफ टिकट बुक कराया जा सकता है, यानि मात्र आधा किराया चुकाने पर पहले से जारी आरक्षित टिकट के पीएनआर के साथ बच्चे का हाफ टिकट जारी हो जाएगा। इसके बाद बच्चा आपके साथ आरक्षित श्रेणी में सफर कर सकेगा।
सुधीजन इस विषय में मार्गदर्शन दे कि अब क्या बदलाव आए है ?
इस खबर की डिटेल ये दी गई है कि रेलवे ने गुपचुप तरीके से उन छोटे बच्चों के रिजर्वेशन की बुकिंग शुरू कर दी है जो अब तक निशुल्क यात्रा करते थे। पिछले दिनों लखनऊ मेल की एसी थर्ड बोगी में बेबी बर्थ तैयार करने के बाद अब रेलवे ने चार साल से कम उम्र के बच्चों का भी टिकट बनाकर उनको सीट देने की व्यवस्था लागू कर दी है। अब तक केवल पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के टिकट रेल आरक्षण केंद्र के काउंटरों और आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर बनते थे।
पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का टिकट बनाते समय यह विकल्प देना होता है कि पूरी बर्थ लेंगे या फिर नहीं। बर्थ लेने पर ही पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का पूरा किराया पड़ता है। जबकि बर्थ न लेने पर किराया आधा ही देना होता है।……….. अब एक से चार वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए भी रेलवे ने टिकट बुकिंग शुरू कर दी है। पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम ने एक से चार वर्ष तक की उम्र के बच्चों के नाम भरने के बाद बर्थ न लेने का कोई विकल्प ही नहीं रखा है। कम उम्र के बावजूद सिस्टम कोई आपत्ति नहीं करता है। ऐसे में अप्लीकेशन फार्म में नाम भरते ही पूरा किराया लेकर रेलवे एक से चार साल की उम्र तक के बच्चों का भी टिकट जारी कर दे रहा है।
लेखक : गिरीश मालवीय