Law related to Women

1- पति-पत्नी के विवाद के चलते पति पत्नी को घर से बेदखल नहीं कर सकता ऐसा होने पर वह घरेलू हिंसा कानून के तहत मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आवेदन पेश कर तुरंत राहत ले सकती है

2-तलाक में 5 वर्ष तक के बच्चे पर मां का ही कानूनी अधिकार रहता है उसके बाद न्यायालय द्वारा बच्चे का हित देखते हुए अनुतोष दिया जाता है

3-घरेलू हिंसा की शिकार महिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी शिकायत का आवेदन पेश कर सकती है जिसकी सुनवायी मजिस्ट्रेट 3 दिनों के अंदर सम्पादित करेगा और फैसला 60 दिनों के अंदर करेगा

4-जिस घर में महिला निवास कर रही हो वहां से उसे जबरन नहीं निकाला जा सकता मजिस्ट्रेट को आवेदन देने पर वह उस महिला को संबंधित निवास में फिर से निवास करने का आदेश दे सकता है

5-पहली पत्नी के जीते जी दूसरी शादी करना कानूनन अपराध है पहली पत्नी चाहे तो पति के खिलाफ थाने में या सीधे मजिस्ट्रेट के न्यायालय में शिकायत दर्ज करा सकती है कानूनन उस पति को सात साल कैद की सजा हो सकती है

6-पहली पत्नी की सहमति से भी गई दूसरी शादी गैर कानूनी होती है और ऐसी दूसरी पत्नी कानूनन अपने पति की संपत्ति में कोई हक या भरण-पोषण खर्चा पाने की अधिकारिणी नहीं होती है

7-किसी विवाहित स्त्री की मृत्यु 7 सालो के अंदर अग्नि या शारीरिक क्षति द्वारा कारित की जाती है और ऐसी मृत्यु के कुछ समय पूर्व उसके पति या रिश्तेदारों ने दहेज की मांग की हो तो ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध दहेज मृत्यु का मुकदमा चलता है जिसमें आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान किया गया है..!!