भारत में 25 लाख मंदिर हैं ईश्वर की परन्तु स्कूल केवल 15 लाख और अस्पताल 75000 हैं
भारत में 50% टूर धार्मिक तीर्थयात्रा होती हैं. 2 करोड़ 30 लाख लोगों ने पिछले साल तिरुपति बालाजी और लगभग पौने दो करोड़ लोगों ने वैष्णो देवी के दर्शन किये.
मीरा नन्दा अपनी अंग्रेजी की किताब ‘द गॉड मार्केट’ में कर्मों के पूंजीवाद और टेलीविजन वाले संत-महात्माओं (ईश्वर के एजेंट) के विषय पर लिखती हैं. उन्होंने रहस्योद्घाटन किया कि ‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर जो कि 2 करोड़ अनुयायी होने का दावा करते हैं, उनकी अधिकाँश जमीन कर्नाटक सरकार द्वारा दान करी गई है.
नन्दा आगे कहती हैं कि भारतीय राजनीति में धर्म के इस हस्तक्षेप में बीजेपी के साथ कांग्रेस भी पुरी तरह जिम्मेदार है. उन्होंने बड़े ही रोचक सबूत प्रस्तुत किये हैं कि किस तरह सरकार धार्मिक कर्मकाण्डों को आर्थिक सहायता देकर बढ़ावा दे रही है और इसकी वजह से यज्ञ, योग शिविर और मंदिर पर्यटन में नाटकीय ढंग से वृद्धि देखी गई है.
राज्य सरकारों के द्वारा मन्दिरों, आश्रमों और धार्मिक शिक्षा केंद्र को दी गई सरकारी जमीन में भी ऐसी ही नाटकीय वृद्धि देखी गई है.
(मैंने केवल कुछ तथ्यों को हिन्दी पाठकों के लिए यहाँ प्रस्तुत किया है.)
Writer : Balendu Goswami