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स्वतन्त्र विचारों के लेख

मनीष सिसोदिया क्यों अरेस्ट हुए ? क्या है असली घोटाला ?

मनीष सिसोदिया क्यों अरेस्ट हुए ? किसी को असली घोटाला पता है ? नहीं। चलो मैं एक फ्यूचर प्रिडिक्शन दिए दे रहा हूं जिसके सही होने के मेरे हिसाब से 99% चांस हैं। “आप” सरकार ने दिल्ली में शराब पॉलिसी बदली। ठेके के लाइसेंस नए बने । और उन्हें सप्लाई करने के वेंडर भी बदले। …

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मजहब से राष्ट्र नहीं बनता

मजहब से राष्ट्र नहीं बनता है, अगर बनता है तो टूट जाता है. सिकंदर एक ईसाई नहीं था। वह 356 ईस्वी पूर्व अर्थात ईसा मसीह के जन्म से 356 साल पहले पैदा हुआ था। आज ग्रीस और मैसेडोनिया की 98% जनता ईसाई है। तो उन्होंने सिकंदर को अपनी इतिहास की किताबों से बाहर कर दिया …

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आजादी को आपने कहीं देखा है !!

रात को सुरक्षाकर्मी ने आकर बताया कि सर आजादी आयी हुईं हैं।नेता कुछ सोच में पड़ गया।पूछा,’आजादी!!! कौन आजादी! ‘अब सुरक्षाकर्मी इसका क्या जवाब देता। वह हाथ बांधे खड़ा रहा।नेता फिर कुछ सोचते हुए बोला,’अच्छा भेजो! देखते हैं!’ सुरक्षाकर्मी जब जाने लगा तो नेता बोला,’सुनो!अच्छे से तलाशी ले लेना!’‘जी सर’ कहकर वह चला गया। थोड़ी …

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मध्यप्रदेश: व्यापम घोटाला खुलासा करने वाले पत्रकार आशीष की मदद को आगे आए कांग्रेस नेता

मध्यप्रदेश कांग्रेस से अन्य राज्यों के विपक्ष को सीख लेने की जरूरत है। फोटो में बैठा शख्स एक आशीष एक पत्रकार है जिसने व्यापम घोटाले को खोला था। बगल में खड़े हैं राहुल गांधी के खास रहे पूर्व सॉलिसिटर जनरल विवेक तंखा। दरअसल आशीष को निमोनिया हो गया था। माली हालत ठीक नहीं है तो …

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“तुम्हारे पास बहुमत है, पैसा है, ट्रोल है, ताकत है … माई फुट”

दुनिया का पहला स्वघोषित जीरो टीआरपी एंकर.. पत्रकार, अधूरा कवि, क्वार्टर लेखक, दो बटा तीन ब्लागर जो डर से प्रेरित होकर ड्रेरित काव्य लिखता है. फुर्सत में लप्रेक उगलता है. तारीफों और गालियों के पार जिसका जहाँ कहीं और है। जो बहुत ज्यादा बोले जाने से ऊबकर, लिपे-पुते चेहरों के साथ मूक अभिनय करवाता है। …

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यूपी से एक शिक्षक की ज़ुबानी : सरकारी और प्राइवेट शिक्षकों में सामाजिक भेदभाव

Devendra Dev taught children

समाज ऐसी अवधारणा बना चुका है कि सरकारी अध्यापक हराम की खाता है और प्राइवेट अध्यापक जी तोड़ मेहनत करता है। साथ ही एक और अवधारणा इसी समाज का हिस्सा है जो कि प्राइवेट अध्यापकों को आये दिन शर्मशार होने पर मजबूर करती रहती है, वो है, लोगों द्वारा कहा जाना – अगर फलां प्राइवेट …

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सर्वे: भारत में 80 प्रतिशत परिवारों में भोजन तक की समस्या.

इस सर्वे के लिए 14 राज्यों में जितने लोगों से बात की गई उनमें से 79 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि 2021 में उन्हें किसी न किसी तरह की “खाद्य असुरक्षा” का सामना करना पड़ा. 25 प्रतिशत परिवारों को “भीषण खाद्य असुरक्षा” का सामना करना पड़ा. सर्वेक्षण भोजन का अधिकार अभियान समेत कई संगठनों ने …

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क्या मोदी सरकार में एक भी सरकार के आलोचक को कोई सम्मान मिला ?

Awards in Modi Govt

आर. के. लक्मण को इंदिरा गाँधी की कांग्रेस सरकार में “पद्मविभूषण सम्मान” दिया गया था। जबकि वो स्वयं इंदिरा के धुर आलोचक थे। उन्होंने कहा था की “उस महिला से पद्मविभूषण मिला जिसका हमेशा मजाक बनाया। अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा सरकार में वाजपेयी के आलोचक और राजयसभा सांसद वरिष्ठ पत्रकार एम. पी. केटकर को …

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नेहरूजी के आगे खड़े होने की कोशिश

देश में इस वक्त आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ का शोर है। देशभक्ति और राष्ट्रवाद से भरे ओजपूर्ण गीत लाउड स्पीकर पर जोर-जोर से बजाए जा रहे हैं। एक तरह की होड़ है कि शहर के किस नुक्कड़, गांव की किस गली से कितने ज़ोर से गाने बज सकते हैं। देशभक्ति साबित करने के लिए अब …

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गौतम अडानी ने क्यों झूठ कहा है की ..

गौतम अडानी ने क्यों झूठ कहा है की यदि भारत 25 ट्रिलियन की इकोनॉमी/GDP वाला देश बन जाए तो कोई भूखा नहीं सोयेगा. दरअसल भुखमरी का अर्थव्यवस्था से लेना देना बहुत कम है. GDP यानी सकल घरेलू आय का अर्थ होता है की किसी देश ने एक साल में कुल कितने रकम का उत्पाद या …

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