दैनिक संपादकीय

Unbiased Editorials about what is happening in the country’s politics, policies, and society.

कौन हैं फ्री की रेवड़ी विषय पर गोदी मीडिया को धोने वाले तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानिवेल त्यागराजन PTR ?

विश्व प्रसिद्द विश्वविद्यालयों में से एक से पढ़े तमिलनाडु केफायरब्रांड फाइनेंस मिनिस्टर पलानिवेल त्यागराजन ने राहुलकँवल के साथ इंडिया टुडे चैनल की एक टीवी चर्चा में “फ्री कीरेवड़ी” Free Bees विषय पर गोदी मीडिया और सरकार को तथ्यों के साथ आईना दिखाते हुए कुछ सवाल खड़े किये हैं. उनके राजनैतिक और एकेडमिक जीवन के बारे …

कौन हैं फ्री की रेवड़ी विषय पर गोदी मीडिया को धोने वाले तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानिवेल त्यागराजन PTR ? Read More »

क्या मोदी सरकार में एक भी सरकार के आलोचक को कोई सम्मान मिला ?

Awards in Modi Govt

आर. के. लक्मण को इंदिरा गाँधी की कांग्रेस सरकार में “पद्मविभूषण सम्मान” दिया गया था। जबकि वो स्वयं इंदिरा के धुर आलोचक थे। उन्होंने कहा था की “उस महिला से पद्मविभूषण मिला जिसका हमेशा मजाक बनाया। अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा सरकार में वाजपेयी के आलोचक और राजयसभा सांसद वरिष्ठ पत्रकार एम. पी. केटकर को …

क्या मोदी सरकार में एक भी सरकार के आलोचक को कोई सम्मान मिला ? Read More »

GDP में 7.5 % वृद्धि की क्या उपयोगिता है, जब 75 % वृद्धि हमारी आबादी के 1 % हिस्से के पास चली जाती है?

अर्थशास्त्री मोहन गुरुस्वामी ने पूछा है- सकल घरेलू उत्पादन में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की क्या उपयोगिता है, जब 75 प्रतिशत वृद्धि हमारी आबादी के एक प्रतिशत हिस्से के पास चली जाती है? धनकुबेरों के बिना दुनिया बेहतर होगी ‘द इकोनॉमिस्ट’ के रेयान एवेंट ने ‘द वेल्थ ऑफ़ ह्यूमंस’ में लिखा है कि बिल गेट्स की …

GDP में 7.5 % वृद्धि की क्या उपयोगिता है, जब 75 % वृद्धि हमारी आबादी के 1 % हिस्से के पास चली जाती है? Read More »

आज़ादी के इर्द-गिर्द : चर्चा एक किताब की

मैं आपको एक किताब के बारे में बताऊंगा,जिसे मेरी बेटी ने उपहारस्वरूप दी है. किताब का नाम है – India Remembered . बेटी इतिहास पढ़ाती है और इतिहास के प्रति मेरे लगाव को शायद समझती है ; इसीलिए उसने इस किताब को मेरे लिए चुना होगा. किताब पामेला मॉउन्टबेटन की लिखी है ,जिसकी भूमिका उनकी …

आज़ादी के इर्द-गिर्द : चर्चा एक किताब की Read More »

क्या खिलाफत आदोलन मे शामिल होना गांधी की गलती थी … ??

Mahatma Gandhi

जी नहीं। खिलाफत आंदोलन मे शामिल होना गांधी का मास्टरस्ट्रोक था। इस कदम से उन्होने कांग्रेस का राष्ट्र की प्रमुख धारा बना दिया। समझिये। 1914 तक कांग्रेस वकीलो, हिदूवादियों और मराठी ब्राहमणों का एलीट क्लब था। वह भी तिलक गोखले की लडाई मे क्षीण हो चुका था। 1909-14 मे तिलक जेल मे थे। गोखले के …

क्या खिलाफत आदोलन मे शामिल होना गांधी की गलती थी … ?? Read More »

नेहरूजी के आगे खड़े होने की कोशिश

देश में इस वक्त आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ का शोर है। देशभक्ति और राष्ट्रवाद से भरे ओजपूर्ण गीत लाउड स्पीकर पर जोर-जोर से बजाए जा रहे हैं। एक तरह की होड़ है कि शहर के किस नुक्कड़, गांव की किस गली से कितने ज़ोर से गाने बज सकते हैं। देशभक्ति साबित करने के लिए अब …

नेहरूजी के आगे खड़े होने की कोशिश Read More »

गौतम अडानी ने क्यों झूठ कहा है की ..

गौतम अडानी ने क्यों झूठ कहा है की यदि भारत 25 ट्रिलियन की इकोनॉमी/GDP वाला देश बन जाए तो कोई भूखा नहीं सोयेगा. दरअसल भुखमरी का अर्थव्यवस्था से लेना देना बहुत कम है. GDP यानी सकल घरेलू आय का अर्थ होता है की किसी देश ने एक साल में कुल कितने रकम का उत्पाद या …

गौतम अडानी ने क्यों झूठ कहा है की .. Read More »

चौधरी चरण सिंह

सन 1979 की बात है। शाम 6 बजे के करीब एक किसान इटावा जिला के ऊसराहार थाने में मैला कुचैला कुर्ता धोती पहने पहुंचा और अपने भैसा (बैल) की चोरी की रपट लिखाने की बात की। छोटे दरोगा ने पुलिसिया अंदाज में 4 आड़े-टेड़े सवाल पूछे और बिना रपट लिखे किसान को चलता किया। जब …

चौधरी चरण सिंह Read More »

आठ साल बाद भी भ्रष्टाचार पर भाषण!!

‘सबको पता है कि मोदी जी सत्ता में आए ही थे भ्रष्टाचार दूर करने के वादे के साथ। विदेश में रखा काला धन 100 दिन में लाना था और नोटबंदी के बाद 50 दिन में सपनों का भारत बनना था। यही नहीं नीयत पर किसी को शक हो तो किसी भी चौराहे पर बुला लेना …

आठ साल बाद भी भ्रष्टाचार पर भाषण!! Read More »

भारतीय रेल पर निजीकरण की कुल्हाड़ी : एक के बाद एक राष्ट्रीय रत्न बिक रहे हैं

एक के बाद एक देश की राष्ट्रीय संपत्तियां बिक रही हैं। मोदी सरकार का ताजा ‘मास्टरस्ट्रोक’ भारतीय रेलवे का निजीकरण है। 1 जुलाई, 2020 को रेल मंत्रालय ने घोषणा की कि 109 जोड़ी मार्गों में 151 ट्रेनों का संचालन निजी क्षेत्रों द्वारा किया जाएगा। निजी क्षेत्र 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। केवल ड्राइवर और गार्ड ही रेलवे कर्मचारी होंगे; अन्य सभी कर्मचारी निजी कंपनी के होंगे, जो ट्रेन का संचालन कर रही है। निजी कंपनियां अपनी पसंद के किसी भी स्रोत से ट्रेन और लोकोमोटिव खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं।