ज़ुबैर के केस में सुप्रीम कोर्ट में हियरिंग चल रही है. अटॉर्नी जनरल और इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल मिला के दो बड़े दिग्गज लगे है की जमानत न मिले. ज़ुबैर की तरफ से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेज डिफेंड कर रहे हैं. अब मुद्दा ट्वीट का तो रहा ही नहीं. अब सीधा खेल ये हो गया है की किसी भी तरह इसे बहार नहीं आने दिया जायेगा. दिल्ली से पहले यूपी भेजा और अब वहां नए चार्ज फ्रेम किये गए हैं. अलग अलग कोर्ट में FIR क्वेश करने की अपील हुयी लेकिन रिफ्यूज करके कस्टडी और रिमांड पे भेज दिया गया था.
यति नरसिंहानन्द, बजरंग मुनि जब भड़काऊ बयान दे रहे थे तब उनके बारे में जो ट्वीट किये थे अब उनको आधार बनाकर जुबैर को ही “हेट स्पीच” के ट्वीट में घसीट लिया गया. ज़ुबैर के वकील कोलिन गोन्साल्वेज कह रहे की यति नरसिंहानंद तो अरेस्ट हुए, और उनपर चार्ज लगे उसमे तो स्टेट अटार्नी जनरल ने भी मंजूरी दी थी फिर जुबैर ने उन्हें घृणा फ़ैलाने वाला बोल दिया तो कौन सा गुनाह हो गया..?
गोंजाल्वेज ने कहा की मैं (ज़ुबैर) तो घृणा करने वालों को रोक रहा था .. इसका व्यक्तित्व भी देखिये की ये एक फेक्ट चेकर है जिसका देश दुनियां में विश्वसनीयता है ..उसको इस बार Nobel Peace Prise के लिए नामित भी किया गया है. अटार्नी जनरल अब कह रहे की ज़ुबैर हेबिचुअल ओफिन्डर है, उसके खिलाफ 6 केस दर्ज हैं. (केस दर्ज करने से कोई क्रिमिनल नहीं हो जाता, इस तरह तो मुख्यमंत्री योगी और केशव के खिलाफ भी केस थे).. घृणा रोकने के काम को ही घृणा फ़ैलाने का काम बता के चार्ज लगा दिए हैं.
इसके साथ जमानत रुकवाने के लिए एक और एंगल डाल दिया गया की ऑल्ट न्यूज को उन देशो से भी डोनेशन आयी हो सकती है जिनके भारत के साथ रिश्ते ठीक नहीं हैं. हालांकि उसकी जाँच हो रही है और अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है तो इसका तर्क देना पल्ले नहीं पढ़ रहा है.
और फंडिंग की जांच हो ही रही है तो फिर #PMCareFund की भी जांच करा लो और जिनकी बात सरकारी वकील कर रहे यदि उन्ही देशों से PMCare में भी डोनेशन आया हो तो सेम केस उसके ट्रस्टीज पे भी लागू होगा क्या ? जिसमे प्रधानमंत्री और बाकि दो मंत्री हैं..
अंत में ज़ुबैर के वकील ने कहा की “मैं बोलता हूँ की यति नरसिंहानंद Hate monger है क्या आप मुझे भी कस्टडी में लेंगे. ?” सॉलिसिटर जनरल फंस गए..तो बोले मैं सोमवार को प्रूफ दूंगा …
न्यायाधीश मुखर्जी ने एक केस में अंतरिम जमानत दे दी है दूसरे में नहीं. तो जनरल बोले की ज़ुबैर बंगलौर चला जायेगा.. तो न्यायाधीश ने जमानत में कंडीशन डाल दी की ज़ुबैर सोमवार तक दिल्ली नहीं छोड़ सकता …और ट्वीट नहीं करेगा. दूसरे केस की वजह से जेल में ही रहेगा #कालचक्र
ये केस भाजपा और देश के लोकतंत्र के लिए महत महत्वपूर्ण है. जस्टिस लाया के बाद किसी भी जज की हिम्मत नहीं हुयी खिलाफ जाने की. उसी तरह ज़ुबैर का उदाहरण सेट किया जा रहा है. ज़ुबैर के बाद नरसिंहानंद और नूपुर शर्मा जैसे लोगों के खिलाफ कोई पत्रकार आवाज नहीं उठाएगा. आवाज दबाने के लिए ज़ुबैर को मोहरा बना के सभी खिलाफ पत्रकारों को सबक सिखाया जा रहा है.