राहुल गांधी के ख़िलाफ़ फेक न्यूज़ चलाना कोई मानवीय भूल नहीं थी

मानवीय भूल क्या होती है? माफी मांग ली तो क्या बात खत्म हो जाती है ? मित्र Murari Tripathi ने ठीक लिखा है कि ‘इतने संवेदनशील मुद्दे पर राहुल गांधी के ख़िलाफ़ फेक न्यूज़ चलाना कोई मानवीय भूल नहीं थी. एक ऐसा मुद्दा, जिससे पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे होने की आशंका हो, उसमें अगर राहुल गांधी की ऐसी प्रतिक्रिया आती, तो सबसे पहले एक पत्रकार के तौर पर मेरे कान खड़े हो जाते. पूरे न्यूज़ रूम में इस बयान को अप्रत्याशित माना जाता. चर्चा होती. कई बार अलग अलग स्तरों पर बयान को क्रॉस चेक किया जाता. लेकीन जिस तरीक़े से उस शो में ये बयान चला, उससे तो नहीं लगता कि पत्रकारिता के बेसिक नियम फ़ॉलो किए गए. रॉ फ़ीड देखने वाले से लेकर प्रडूसर, वीडियो एडिटर और ऐंकर, सबने सचेतन फ़ेक न्यूज़ चलाई. वो भी इतने संवेदनशील मसले पर. इसे मानवीय भूल क़तई नहीं कहा जा सकता है’

दरअसल यह जानबूझकर किया गया कृत्य है

ठीक ऐसा ही कृत्य रोहित रंजन के गुरु सुधीर चौधरी ने 2007 में किया था , जब वे रजत शर्मा के न्यूज़ चैनल “इंडिया टीवी” से निकलकर “लाइव इंडिया” में सीईओ बने थे तो उन्होने ऐसी ही मानवीय भूल करते हुए एक महिला स्कूल टीचर उमा खुराना का फर्जी स्टिंग ऑपरेशन दिखा दिया था …….

उमा खुराना केन्द्रीय दिल्ली के सर्वोदय कन्या विद्यालय में गणित की शिक्षिका थीं। दरअसल चिट फंड का धंधा करने वाले एक व्यक्ति के साथ उनका रुपयों का कुछ लेनदेन था। उस व्यक्ति ने लाइव इण्डिया के रिपोर्टर प्रकाश सिंह के साथ मिलकर फर्जी तरीके से उमा को सेक्स के लिए रुपयों की बात करते हुए दिखाया, इस स्टिंग ऑपरेशन में उमा खुराना पर शिक्षिका होने की आड़ में वेश्यावृति करवाने के आरोप लगाए गए, स्टिंग को बिना किसी जाँच के सुधीर चौधरी ने अपने चैनल पर चलवा दिया। जिस दिन यह लाइव प्रसारित हुआ उसके अगले दिन तुर्कमान गेट स्थित सरकारी स्कूल के बाहर जमकर हंगामा हुआ था। वहा पूहंची भीड़ ने उमा खुराना को जान से मारने का प्रयास किया था। मौके पर पहुंची पुलिस पर भी भीड़ ने पथराव कर दिया। पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। लोगों के दबाव में पुलिस ने छात्राओं से सेक्स रैकेट चलवाने के आरोप में उमा खुराना को गिरफ्तार कर लिया। बाद में दिल्ली के शिक्षा विभाग ने उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया

लेकिन जब मामले की जाँच शुरू हुई तो पता चला कि प्रकाश सिंह का बनाया हुआ स्टिंग का वीडियो फर्जी था। जिस लड़की को दिखाया गया था, उसे पत्रकार बनना था, और यही लालच देकर प्रकाश सिंह ने कैमरे पर उससे उमा खुराना पर झूठा, वैश्यावृति करवाने का आरोप लगवाया था।

प्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया गया और उस पर मुकदमा भी दाखिल हुआ था। सुधीर चौधरी ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है। …….सारी गलती उनके फर्जी पत्रकार प्रकाश सिंह की थी और उनसे पूरी जाँच ना कर पाने भर की ‘मानवीय भूल’ हुई है,

तो इन लोगो का मानवीय भूल करने का बड़ा इतिहास रहा है इसलिए इसकी आड़ में छुपने छुपाने का प्रयास न ही करे तो बेहतर होगा……

सुधीर जी के तिहाड़ि बनने का किस्सा तो अलग ही है वो किसी और दिन सुनाएंगे

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